जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी भूमिका सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने नापाक पड़ोसी के खिलाफ बड़ा एक्शन किया है। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रोक दिया है। इसके अलावा सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करते हुए एक मई तक भारत छोडऩे का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने बैठक में लिए फैसलों के बारे में बताया कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे पहली मई, 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी सार्क वीजा को रद्द माना जाएगा।
सार्क वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोडऩे के लिए 48 घंटे हैं। इसके अलावा नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोडऩे के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब का दौरा बीच में छोडक़र बुधवार सुबह दिल्ली लौटे, ने बुधवार शाम को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक बुलाई और करीब अढ़ाई घंटे तक चली इस बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने की रणनीति बनाई गई।
1 सिंधु जल समझौते पर लगाई रोक
2 पाक नागरिकों के वीजा रद्द
3 अटारी बॉर्डर पर भी लगाया ताला
4 पाक उच्चायोग से सैन्य सलाहकार बाहर
5 दूतावास कर्मचारियों की संख्या घटाई
तीनों सेना प्रमुखों ने रक्षा मंत्री से कहा, हम तैयार
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। आतंकी हमले से बदले हालात के बीच तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वे हर परिस्थति के लिए तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई हाई लेवल मीटिंग में जम्मू कश्मीर की समग्र स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं (थल, नभ और जल) के प्रमुख और रक्षा सचिव ने हिस्सा लिया। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल भी शामिल हुए।
