क्या आप नियमित रूप से रेडी-टू-ईट या गर्म किया हुआ खाना खाते हैं? तो आपकाे ये आदत छोड़नी होगी नहीं तो आपकी जान भी जा सकती है। सोमवार को हुए एक वैश्विक अध्ययन से पता चला है कि ऐसे अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (यूपीएफ) के सेवन से रोके जा सकने वाली अकाल मृत्यु का जोखिम काफी बढ़ सकता है। पिछले अध्ययनों ने सोडियम, ट्रांस वसा और चीनी से भरपूर यूपीएफ को हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह, कुछ प्रकार के कैंसर और अवसाद सहित 32 विभिन्न बीमारियों से जोड़ा है।
आठ देशों का किया गया विश्लेषण
नए अध्ययन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि आहार सर्वेक्षणों और आठ देशों (ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका) के मृत्यु दर के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि यूपीएफ के सेवन से होने वाली अकाल मृत्यु व्यक्तियों के कुल ऊर्जा सेवन में उनकी हिस्सेदारी के अनुसार काफी बढ़ जाती है। अध्ययन यूपीएफ की खपत को कम करने के लिए वैश्विक कार्रवाई के आह्वान को पुष्ट करता है, जिसे स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने वाली नियामक और राजकोषीय नीतियों द्वारा समर्थित किया जाता है।
रेडी-टू-ईट सेहत के लिए क्यों है खतरनाक
रेडी-टू-ईट फूड में लंबे समय तक खराब न होने के लिए रासायनिक संरक्षक मिलाए जाते हैं। ये केमिकल्स शरीर में धीरे-धीरे जमा होकर लीवर, किडनी और हार्मोनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे खाने में अक्सर ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स ज्यादा होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। स्वाद को बढ़ाने के लिए इन फूड्स में बहुत ज्यादा नमक और चीनी डाले जाते हैं। इससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापा होने का खतरा बढ़ता है।
सेहतमंद रहने के लिए क्या करें?
कोशिश करें कि ताजा और घर का बना खाना खाएं। एक बार बना खाना ताजगी से खाएं, बार-बार गर्म न करें। रेडी-टू-ईट फूड का सेवन केवल विशेष परिस्थितियों में करें, रोजमर्रा में नहीं। फूड को सही तापमान पर स्टोर करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। खाने को गर्म करते समय ग्लास या स्टील के बर्तनों का ही उपयोग करें।सेहत के लिए सबसे अच्छा वही है जो ताजा और प्राकृतिक हो। रेडी-टू-ईट और बार-बार गर्म किए गए खाने से दूरी बनाकर आप कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं।"
