राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को लिस्बन में पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। दोनों इस बात पर सहमत थे कि भारत और पुर्तगाल की संसदों के बीच नियमित आदान-प्रदान से दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
भारत और पुर्तगाल के राजनयिक सम्बंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु पुर्तगाल और स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा के पहले चरण के लिए 6 अप्रैल को लिस्बन पहुंचीं थी।
राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, पुर्तगाल की अपनी यात्रा के अंतिम दिन 8 अप्रैल को राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो से भी मुलाकात और बातचीत की। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए आगे के रास्ते पर विचार-विमर्श किया। वे इस बात पर सहमत हुए कि व्यापार और वाणिज्य, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग के अधिक अवसर हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन में अपने अंतिम कार्यक्रम में पुर्तगाल में भारत के राजदूत द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के विभिन्न भागों और विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हुए वे न केवल भारत की विविधता को दर्शाते हैं, बल्कि उन साझा मूल्यों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं जो दोनों देशों को बांधते हैं जैसे- लोकतंत्र, बहुलवाद, भाईचारे की भावना।
उन्होंने कहा कि पुर्तगाल में उनके योगदान और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के उनके प्रयास उन्हें हमारे देश के सच्चे राजदूत बनाते हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि वे अपनी कड़ी मेहनत से सफलता और उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं और भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत सरकार अपने प्रवासी समुदाय के साथ संबंधों को मजबूत करने और उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने संकट के समय प्रवासी समुदाय की सहायता के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि विदेशों में स्थित भारतीय मिशन हर भारतीय की सहायता के लिए तैयार हैं, क्योंकि वे जहां भी हैं, उनकी मातृभूमि हमेशा उनके साथ है!
इस दौरान द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के साथ लिस्बन में चंपालिमॉड फाउंडेशन का दौरा किया और तंत्रिका विज्ञान, ऑन्कोलॉजी, प्रायोगिक नैदानिक अनुसंधान और स्वचालित चिकित्सा वितरण के क्षेत्रों सहित विभिन्न अनुसंधान और विकास पहलों को देखा। राष्ट्रपति ने चंपालिमॉड फाउंडेशन और पुर्तगाल के अन्य संस्थानों में काम कर रहे भारतीय शोधकर्ताओं और विद्वानों के साथ भी बातचीत की।
चैंपालीमॉड सेंटर फॉर द अननोन एक अत्याधुनिक चिकित्सा, वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थान है, जहां अनुप्रयुक्त अनुसंधान गतिविधियों और उन्नत शिक्षा कार्यक्रमों के साथ-साथ अंतःविषयक नैदानिक देखभाल सुविधा केन्द्र विकसित किया जा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन में महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा उन्होंने राधा-कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मु स्लोवाकिया के लिए रवाना हो गईं।
