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India’s non-fossil fuel-based energy capacity reached 217 gigawatt

January 22, 2025


India is making significant strides in solar and wind energy capacity with a commitment to achieving 500 gigawatts of non-fossil fuel-based energy capacity by 2030. With the infrastructural push, the country’s non-fossil fuel-based energy capacity has reached 217 gigawatts by the 20th of this month.
Data shows that India is emerging as a global leader in clean energy capacity. According to the New and Renewable Energy Ministry, a record-breaking 24.5 gigawatt of solar capacity and 3.4 gigawatts of wind capacity have been added in the last year. Solar energy remained the dominant contributor to the country’s renewable energy growth, accounting for 47 percent of the total installed renewable energy capacity. Rajasthan, Gujarat, and Tamil Nadu emerged as the top-performing states, contributing 71 percent of the country’s total utility-scale solar installations.

            The Ministry said, the rooftop solar sector also experienced significant growth last year, with 4.59 gigawatts of new capacity installed, marking a 53 percent increase from the year 2023. The PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana played a crucial role in this expansion, facilitating seven lakh rooftop solar installations within ten months since the launch of this scheme.

            On the wind energy capacity front, India added 3.4 gigawatts of new wind capacity last year with Gujarat, Karnataka and Tamil Nadu leading the way. These states accounted for 98 percent of the new wind capacity additions, highlighting their continued dominance in wind power generation.

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महाकुंभ : योगी कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी, गंगा एक्सप्रेसवे का भी होगा विस्तार

January 22, 2025
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित महाकुंभ नगर में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक हुई। इस कैबिनेट बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार से लेकर प्रयागराज विंध्य क्षेत्र और वाराणसी विंध्य क्षेत्र के गठन जैसे कई अहम प्रस्तावों को कैबिनेट से मंजूरी मिली।

सीएम योगी ने कहा, ”गंगा एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से जोड़ने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। गंगा नदी पर छह लेन का पुल बनाया जा रहा है। प्रयागराज को झूसी से जोड़ने के लिए एक और चार लेन का पुल बनाया जाएगा। यमुना नदी पर एक और सिग्नेचर ब्रिज बनाया जाएगा। इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 20 के अंतर्गत अभियोजन निदेशालय की स्थापना के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे के रूप में जाना जाएगा। वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन के संबंध में चर्चा हुई है।

उन्होंने बताया कि कैबिनेट में प्रयागराज नगर निगम, वाराणसी नगर निगम और आगरा नगर निगम हेतु म्युनिसिपल बांड निर्गत करने तथा अवस्थापना विकास निधि से क्रेडिट रेटिंग के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर अनुमोदन प्राप्त किए जाने के संबंध में मंजूरी मिली है।

टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से प्रदेश के 62 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन, पांच सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्वेंशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग की स्थापना किए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है।

इसके साथ ही हाथरस, बागपत और कासगंज में भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग के अंतर्गत पीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालित किए जाने हेतु सफल निविदादाता का चयन किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है।

महाविद्यालय, बलरामपुर की स्थापना हेतु 166 बेडेड राजकीय संयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तांतरण किए जाने व जनपद बलरामपुर में स्थापित किए जा रहे केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर में परिवर्तित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना अंतर्गत निशुल्क स्मार्टफोन वितरण हेतु योजनांतर्गत अंतिम बिड अभिलेख के संबंध में प्रस्ताव स्वीकृत है।

उप्र औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अंतर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों हेतु विशेष सुविधाएं एवं रियायतें अनुमन्य कराए जाने विषयक शासनादेश, मुख्य सचिव द्वारा अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति बैठक में की गई संस्तुतियों पर अनुमोदन प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 में अनुमन्य फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी प्राविधान के अंतर्गत मेसर्स अशोक लीलैंड लिमिटेड को आवंटित भूमि हेतु यूपीसीडा को देय सब्सिडी धनराशि के भुगतान की स्वीकृति के संबंध में इम्पावर्ड कमेटी की बैठक की संस्तुति/निर्णय को अनुमोदन प्राप्त किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2024 को मंजूरी मिली है।(इनपुट-आईएएनएस)


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महाकुंभ : योगी कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी, गंगा एक्सप्रेसवे का भी होगा विस्तार महाकुंभ : योगी कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी, गंगा एक्सप्रेसवे का भी होगा विस्तार Reviewed by SBR on January 22, 2025 Rating: 5

केंद्र सरकार ने कच्चे जूट का एमएसपी 2025-26 सीजन के लिए 315 रुपये बढ़ाया

January 22, 2025


केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ₹315 बढ़ाने की घोषणा की है। अब कच्चे जूट का नया एमएसपी ₹5,650 प्रति क्विंटल होगा जो पिछले सीजन के ₹5,335 प्रति क्विंटल से अधिक है। यह बढ़ोतरी सरकार की उस नीति के तहत की गई है जिसमें एमएसपी को उत्पादन की औसत लागत से जोड़ा जाता है ताकि किसानों को बेहतर लाभ मिल सके। गौरतलब है कि 2014-15 से अब तक कच्चे जूट का एमएसपी ₹2,400 प्रति क्विंटल से बढ़कर ₹5,650 प्रति क्विंटल हो गया है। इस अवधि में सरकार ने जूट किसानों को ₹1,300 करोड़ का भुगतान किया है जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच यह राशि सिर्फ ₹441 करोड़ थी।

जूट की खेती लगभग 40 लाख किसानों की आजीविका का स्रोत है और इसमें करीब 4 लाख लोग जूट मिलों और अन्य संबंधित कार्यों में काम करते हैं। पिछले साल सरकार ने 1.7 लाख किसानों से कच्चा जूट खरीदा था। देश के कुल जूट उत्पादन में पश्चिम बंगाल का हिस्सा 82% है जबकि असम और बिहार का 9% योगदान शामिल है।

जूट निगम ऑफ इंडिया (जेसीआई) कच्चे जूट की कीमत समर्थन योजना के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी बनी रहेगी। इस योजना के तहत होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। यह कदम जूट किसानों को सहायता देने और इस उद्योग को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।

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केंद्र सरकार ने कच्चे जूट का एमएसपी 2025-26 सीजन के लिए 315 रुपये बढ़ाया केंद्र सरकार ने कच्चे जूट का एमएसपी 2025-26 सीजन के लिए 315 रुपये बढ़ाया Reviewed by SBR on January 22, 2025 Rating: 5

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: योजना की सफलता का एक दशक पूरा, जानें कितना आया बदलाव

January 22, 2025

पीएम मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना कार्यान्वयन का एक दशक पूरा कर रही है। भारत सरकार की इस प्रमुख पहल का उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को दूर करना और लिंग-आधारित लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना और बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत सरकार की सबसे प्रभावशाली सामाजिक उपक्रमों में से एक बन गई है।

बीबीबीपी योजना अब 2021-2022 से 2025-2026 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान कार्यान्वयन के लिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम मिशन शक्ति के साथ एकीकृत है। मिशन शक्ति में दो व्यापक उप-योजनाएं शामिल हैं।

1. संबल : सुरक्षा एवं संरक्षा
मिशन शक्ति की संबल उप-योजना वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) महिला हेल्पलाइन (181) और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह नारी अदालत की भी शुरुआत करता है, जो उत्पीड़न और अधिकारों के उल्लंघन जैसे छोटे मुद्दों को हल करने के लिए एक वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करता है।

2. सामर्थ्य : सशक्तिकरण
सामर्थ्य उप-योजना शक्ति सदनों, राहत और पुनर्वास घरों, सखी निवास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाती है, जो शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए रहने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। साथ ही पालना-क्रेच कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) अब दूसरे बच्चे के लड़की होने पर भी मदद करती है, जिससे मातृ स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह गर्भावस्था और प्रसव के कारण काम करने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से होने वाले नुकसान की भरपाई भी करता है।
यह योजना अब बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास और सामुदायिक जागरूकता शामिल है। पिछले एक दशक में, बीबीबीपी ने कई मंत्रालयों के बीच सहयोग के माध्यम से अपना दायरा बढ़ाया है।

योजना के प्राथमिक उद्देश्य
–लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना।
–बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
–बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी को बढ़ावा देना।
–जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में हर साल दो अंक का सुधार।
–संस्थागत प्रसव के प्रतिशत में सुधार या 95% या उससे अधिक की दर पर कायम रहना।
–प्रति वर्ष पहली तिमाही प्रसव-रोधी देखभाल (एएनसी) पंजीकरण में 1% की वृद्धि।
–माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के बीच स्कूल छोड़ने की दर की जांच करना।
–सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

फोकस क्षेत्र और लक्ष्य समूह
यह योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित पर केंद्रित है:
–प्राथमिक लक्ष्य समूह:
–युवा और नवविवाहित जोड़े, जो माता-पिता बनने की उम्मीद में हैं
–किशोर (लड़कियां और लड़के) और युवा
–घर-परिवार और समाज
–द्वितीयक लक्ष्य समूह:
–स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसीएस),
–मेडिकल डॉक्टर/पेशेवर, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर आदि।
–पंचायत राज संस्थान (पीआरआई), शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), अधिकारी, फ्रंटलाइन वर्कर्स
–महिला समूह और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और नागरिक समाज संगठन
–मीडिया, धार्मिक गुरु और उद्योग विशेषज्ञ

वित्तीय और परिचालन संरचना
बीबीबीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमें मिशन शक्ति के संबल वर्टिकल के तहत देश के सभी जिलों में केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण किया जाता है। वित्तीय सहायता जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) के आधार पर भिन्न होती है:

–918 से कम या उसके बराबर एसआरबी वाले जिलों के लिए 40 लाख रुपये प्रति वर्ष।
–919-952 के बीच एसआरबी वाले जिलों के लिए 30 लाख रुपये।
–952 से अधिक एसआरबी वाले जिलों के लिए 20 लाख रुपये।

प्रमुख विकास
अभियान की सफलता लैंगिक असमानताओं को दूर करने की दिशा में की गई प्रगति से स्पष्ट है, जिसमें समाज पर इसके सकारात्मक प्रभाव को दर्शाने वाले प्रभावशाली आंकड़े हैं।

1. जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार (एसआरबी)
–2014-15 में 918 के एसआरबी से, 2022-23 में राष्ट्रीय एसआरबी बढ़कर 933 हो गया (स्रोत: एचएमआईएस, एमओएचएफडब्ल्यू)। यह लगातार वृद्धि लिंग-अनुपात को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली लिंग-पक्षपाती प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बीबीबीपी के सामूहिक प्रभाव को दर्शाती है।

2. माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि
–माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, लड़कियों के लिए सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 2014-15 में 75.51% से बढ़कर 2021-22 में 79.4% हो गया है। (स्रोत: यू-डीआईएसई प्लस, एमओई)। यह बीबीबीपी के शैक्षिक प्रयासों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।

3. संस्थागत प्रसव में वृद्धि
–बीबीबीपी ने महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार पर भी जोर दिया। संस्थागत प्रसव 2014-15 में 87% से बढ़कर 2019-20 तक 94% से अधिक हो गया, जिससे कई क्षेत्रों में माताओं और शिशुओं के लिए सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हुआ, जो मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में आवश्यक रहा है।

4. जागरूकता अभियान
–बालिकाओं वाले पिताओं पर लक्षित ‘सेल्फी विद डॉटर्स’ जैसे विशिष्ट अभियानों ने देशव्यापी लोकप्रियता हासिल की।
–बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाने के लिए सामाजिक स्तर की गतिविधियां जैसे ‘बेटी जन्मोत्सव’।

5. महिलाओं का कौशल एवं आर्थिक सशक्तिकरण
–कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से बीबीबीपी ने युवा लड़कियों और महिलाओं के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देने, उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने में प्रगति की है। व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इस योजना ने अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए विशिष्ट पहल भी शुरू की।
–‘खेलो इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य लड़कियों के बीच खेल प्रतिभा की पहचान करना और उसका पोषण करना है।

प्रमुख प्रयास
यह योजना दो प्रमुख घटकों के माध्यम से संचालित होती है:
–बहु-क्षेत्रीय प्रयास
–लड़कियों के बीच खेल को बढ़ावा देना, आत्मरक्षा शिविर, लड़कियों के शौचालयों का निर्माण, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना, पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के बारे में जागरूकता फैलाना है।

जागरूकता अभियान एवं सामुदायिक सहभागिता
राष्ट्रीय बालिका दिवस (एनजीसीडी) प्रतिवर्ष 24 जनवरी को अभियानों, कार्यशालाओं और रचनात्मक प्रतियोगिताओं के साथ मनाया जाता है। एक क्रॉस-कंट्री बाइक अभियान, “यशस्विनी” देश की महिला शक्ति या नारी शक्ति का उत्सव मनाने के लिए 150 सीआरपीएफ महिला बाइक सवारों का एक समूह है। यह लड़कियों को समग्र रूप से सशक्त बनाने के लिए मासिक धर्म स्वच्छता, आत्मरक्षा और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करता है। स्वच्छता किटों के वितरण के साथ मासिक धर्म स्वच्छता पर कार्यशालाएं जैसे सामुदायिक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

निष्कर्ष
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना ने भारत में लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसने जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार करने, शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने, स्वास्थ्य देखभाल का विस्तार करने और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का सहयोग करने में मदद की है। सरकारी निकायों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के साथ काम करके, इस योजना ने प्रत्येक बालिका को महत्व देने और उसकी सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। जैसे-जैसे बीबीबीपी अपने दूसरे दशक में प्रवेश कर रहा है, समावेशी नीतियों, बेहतर कार्यान्वयन और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से दीर्घकालिक परिवर्तन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रगति सुनिश्चित होगी।


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सर्राफा बाजार में आज सपाट कारोबार, सोना-चांदी की कीमतों में बदलाव नहीं

January 22, 2025


घरेलू सर्राफा बाजार आज बुधवार को सपाट स्तर पर कारोबार करता नजर आ रहा है। सोने की कीमत में कोई बदलाव नहीं होने के कारण देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना मंगलवार के भाव पर ही यानी 81,380 रुपये से लेकर 81,230 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में ही कारोबार कर रहा है। इसी तरह 22 कैरेट सोना भी 74,650 रुपये से लेकर 74,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच ही बिक रहा है। चांदी की कीमत में आज कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिसके कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में ये चमकीली धातु आज भी 96,500 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रही है।

दिल्ली में 24 कैरेट सोना 81,380 रुपये प्रति 10 ग्राम

देश की राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोना 81,380 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 81,230 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 74,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह अहमदाबाद में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 81,280 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 74,550 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। इन प्रमुख शहरों के अलावा चेन्नई में 24 कैरेट सोना आज 81,230 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 74,500 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है। इसी तरह कोलकाता में भी 24 कैरेट सोना 81,230 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 74,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

जयपुर में 24 कैरेट सोना 81,380 रुपये प्रति 10 ग्राम

लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 81,380 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। वहीं, पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 81,280 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है, जबकि 22 कैरेट सोना 74,550 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह जयपुर में 24 कैरेट सोना 81,380 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 74,650 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।

कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा में भी आज सोने के भाव सपाट स्तर पर

देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी आज सोने के भाव सपाट स्तर पर बने हुए हैं। इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना आज भी 81,230 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर ही कारोबार कर रहा है। इसी तरह इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना भी आज मंगलवार के भाव 74,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर ही बिक रहा है। (हिंदुस्‍थान समाचार)


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